दहेज कहानी- रवींद्रनाथ
विवाह योग्य उम्र की महिला को मृत्यु तक अपने साथ रखने के लिए पुरुषों द्वारा दिया जाने वाला या माँगे जाने वाला इनाम, एक महिला की देखभाल के लिए एक पुरुष को दी जाने वाली मजदूरी, एक महिला जन्म की कीमत दहेज को विभिन्न व्याख्याओं में जाना जाता है। दहेज, अक्सर खुले तौर पर और गुप्त रूप से मांगा जाता है।, दहेज और पॉकेट मनी के रूप में जाना जाने वाला सामाजिक अभिशाप भावी जीवन के पथ पर एक काली छाया डालता है। रवींद्रनाथ द्वारा लिखित 'दहेज' नामक कहानी विषय वस्तु की दृष्टि से देखें तो दहेज पर लिखित सफल कहानी है। जीवन के अंतिम पर्वों में एक दिन उन्होंने कहा था- " पहली बार मैंने स्त्रियों का पक्ष लेते हुए 'स्त्री का पत्र' कहानी की रचना की थी।" उन्हें याद नहीं रहा कि अपनी पहली कहानी भी स्त्रियों के साथ खड़ा होकर लिखा था। रविंद्र की कहानियाँ जीवन के विभिन्न अनुभवों, सच्चाईयों पहलुओं सजर्क के सरोकारों तथा परिवेश के प्रति अपनी गहरी चिंताओं को जहाँ बड़े मार्मिक ढंग से अभिव्यक्त करती हैं, वहाँ एक सजग साहित्य निर्माता के नाते अपने सकारात्मक दृष्टिकोण को ही हमारे सामने रखती हैं। ...